Space debris

Space debris


अंतरिक्ष मलबा



  अंतरिक्ष का सफर सबको बहुत रोमांचित लगता है। आज भी हम सब अंतरिक्ष के बारे ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाने के लिए उत्सुक रहते है। जितनी जानकारी मिलती है दिल इसके बारे में और जानना चाहता है। सदियो से अंतरिक्ष की जानकारी हर किसी में कुतूहल पैदा करती है। आज इंसान इसके बारे में और जानकारी इकठ्ठी करने के लिए अंतरिक्ष में जाने लगा है  । अंतरिक्ष  का सफर कर रहा है। और बहुत से रहस्यो पर से पर्दा हटाया है। और भी बहुत कुछ जानना बाकी है। 

     पर क्या हम यह जानते है कि अंतरिक्ष सफर के साथ साथ हमने अंतरिक्ष में बहुत से मलबे जमा कर रखे है!?  जिनमे से कई मलबे 2000 किमी/घंटे की रफ़्तार से पृथ्वी की कक्षा में घूम रहा है। अगर इन मलबे को जल्द से जल्द हटाया नहीं गया तो कई कृत्रिम सैटेलाइट्स , ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) आदि के कई हिस्सों से टकराकर बहुत बड़ा नुकसान पंहुचा सकता है। हमारे कई डेटा को नष्ट कर सकता है। जो बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। 





 अंतरिक्ष मलबा है क्या और इसका फैलाव कैसे होता है???



अंतरिक्ष मलबा, कचरा, बेकार   ये सब अंतरिक्ष में भेजे गए मानवनिर्मित पदार्थ जो निष्क्रिय हो जाते है जैसे की- पुराने उपग्रह, राकेट के भेजे गए  चरण,  विघटन के टुकड़े, कटाव और टकराव जो इन मलबे से ही होता है। दिसम्बर 2016 के मुताबिक 5 सैटेलाइट्स इन अंतरिक्ष के कचरो से टकराये थे। 

  जुलाई 2013 के मुताबिक 170 मिलियन से ज्यादा मलबे 1 सेमी (0.4 इंच ) से छोटे, कतरीबन 670,000 मलबे 1-10 सेमी , और लगभग 29,000 बड़े मलबे कक्षा में होने का अंदाज लगाया गया है। 5 जुलाई 2016 में, यूनाइटेड स्टेट्स स्ट्रेटेजिक कमांड ने कुल 17,729 मानवनिर्मित पदार्थो को धावन पथ में पाया है, जिनमे से 1419  परिचालन उपग्रह (operational satellites) पाये गए है। वे बालुक्षेपन (सैंड ब्लास्टिंग) की जितना नुकसान पंहुचा सकते है  । खास कर के सोलर पैनल , प्रकाशीय उपकरण जैसे की टेलिस्कोप, नक्षत्र की खोज करने वाले यन्त्र जिसे कवर नहीं किया गया या तो पारदर्शक है।

 पृथ्वी से 2000 से कम की ऊँचाई तक मलबे उल्कापिंड से भी ज्यादा गिच है ; ज्यादातर धुल रॉकेट मोटर्स , मलबे की ऊपरी तल( सपाटी) का घिसाव जैसे की छोटे टुकड़े, और RORSAT(रडार ओसियन रेंकनाइसन्स सैटेलाइट) न्यूक्लिअर सैटेलाइट्स मै से स्थिर शीतक। इसकी तुलना इस प्रकार हम कर के इसे समझ सकते है कि, ISS ( इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) पृथ्वी से 300-400 किमी की ऊँचाई पे घूम रहा है, और 2007 सैटेलाइट कोलाइज़न और 2009 सैटेलाइट कोलाइज़न पृथ्वी से 800-900 की ऊँचाई पे हुआ था। ये जानते हुए की अंतरिक्ष मलबे की स्पेसक्राफ्ट से टकराने की संभावना 1/10000 जितनी है , फिरभी ISS के पास व्हिप्पल कवच है।



2009 सैटेलाइट कोलाइज़न


2009 की उपग्रह टकराव पृथ्वी की निचली कक्षा में हुई दो अति वेगीय मानवनिर्मित उपग्रहों की टकराव में पहला था। यह 10 फरवरी , 2009 को 16:56 UTC को हुआ था। जब इरीडियम 33 और कॉस्मॉस 2251 टकराये थे, जिनकी गति 42,120 किमी/घंटे की थी और उचाई टाइमायर पेनिन्सुलिया जो  साइबीरिया में है वहाँ से 789 किमी थी।


इरीडियम उपग्रह की प्रतिकृति 


कॉस्मॉस 2251 की डिजिटल इमेज





2007 चाइनीज़ एंटीसैटेलाइट मिसाइल टेस्ट 

11 जनवरी 2007 को चीन ने विरोधी उपग्रह मिसाइल परिक्षण किया।फ़ेईनगयुन श्रेणी का FY-1C पोलर ऑर्बिट सैटेलाइट जो वेदर उपग्रह (हवामान की जानकारी प्राप्त करने हेतु बनाया गया उपग्रह) था - जो  750 किलो भारी था और पृथ्वी से 865 किमी की ऊंचाई पे था वह काइनेटिक किल व्हीकल के द्वारा विनाश हो गया। जो 8 किमी /से की रफ़्तार से विरुद्ध दिशा में मुसाफरी कर रहा था।


चीन का वेदर उपग्रह फेईनगयुन 





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